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Showing posts from September, 2019

परिवर्तन संसार का नियम हैं

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परिवर्तन संसार का नियम हैं 1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिया.. Kodak दिवालिया हो गयी और उनके सब कर्मचारी सड़क पे आ गए। HMT (घडी) BAJAJ (स्कूटर) DYNORA (टीवी) MURPHY (रेडियो) NOKIA (मोबाइल) RAJDOOT (बाईक) AMBASDOR (कार) DINESH  (कपड़ा) मित्रों, इन सभी की गुणवक्ता में कोई कमी नहीं थी फिर भी बाजार से बाहर हो गए!! कारण??? उन्होंने समय के साथ बदलाव नहीं किया.!! आपको अंदाजा है कि आने वाले 10 सालों में दुनिया पूरी तरह बदल जायेगी और आज चलने वाले 70 से 90% उद्योग बंद हो जायेंगे। चौथी औद्योगिक क्रान्ति में आपका स्वागत है... Uber सिर्फ एक software है। उनकी अपनी खुद की एक भी Car नहीं इसके बावजूद वो दुनिया की सबसे बड़ी Taxi Company है। Airbnb दुनिया की सबसे बड़ी Hotel Company है, जब कि उनके पास अपना खुद का एक भी होटल नहीं है। Paytm, ola cabs , oyo rooms जैसे अनेक उदाहरण हैं। US में अब युवा वकीलों के लिए कोई काम नहीं बचा है, क्यों कि IBM Wat

पश्चिमी सभ्यता की त्रासदी

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डरिए मत! डरिए मत!! यह करोड़पति स्त्री का शव है। एक करोड़पति NRI पुत्र की माँ की लाश है। लगभग 10 माह से 7 करोड़ के फ़्लैट में मरी पड़ी थी। अब चेत जाओ भारत! पश्चिमी दुनिया से प्रभावित भारतीयों!! नीचे लिखी बात कृपया अवश्य पढ़िए। ..... मेरे भ्रातासम मित्र डॉ. उपेन्द्र पाण्डेय (सम्पादक-ट्रिब्यून-चंडीगढ़) ने लिखा- एक खबर जिसने आज मुझे मजबूर कर दिया एडीटोरियल लिखने को, जिसका शीर्षक है- “”आशा की अंधेरी सांझ”” तनहाई में दम तोड़तीं एनआरआई बेटों की करोड़पति मांएं। बीते रविवार को अमेरिका में रहने वाले इंजीनियर ऋतुराज साहनी लंबे अरसे बाद अपने घर मुंबई लौटे, तो घर पर उनका सामना किसी जीवित परिजन की जगह अपनी मां के कंकाल से हुआ। बेटे को नहीं मालूम कि उसकी मां आशा साहनी की मौत कब और किन परिस्थितियों में हुई। आशा साहनी के बुढ़ापे की एकमात्र आशा 'उनके इकलौते बेटे' ने खुद स्वीकार किया कि उसकी मां से आखिरी बातचीत कोई सवा साल पहले बीते साल अप्रैल में हुई थी। 23 अप्रैल 2016 को मां ने ऋुतुराज से कहा था कि बेटा! अब अकेले नहीं रह पाती हूँ। या तो अपने पास अमेरिका बुला लो या फिर मुझे कि