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प्रेरक प्रसंग - कौए ने पाई नकल की भीषण सजा

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प्रेरक प्रसंग कौए ने पाई नकल की भीषण सजा एक पहाड़ की ऊंची चोटी पर एक गरुड़ रहता था। उसी पहाड़ की तलहटी में एक विशाल वृक्ष था, जिस पर एक कौआ अपना घोंसला बनाकर रहता था। तलहटी में आस-पास के गांवों में रहने वाले पशु पालकों की भेड़-बकरियां चरने आया करती थीं। जब उनके साथ उनके मेमने भी होते तो गरुड़ प्राय: उन्हें अपना शिकार बना लेता था। चूंकि गरुड़ विशाल पक्षी होता है और उसकी शक्ति अधिक होती है, इसलिए वह ऐसा आसानी से कर लेता था। कौआ प्राय: यह दृश्य देखता था कि जैसे ही कोई मेमना नजर आया कि गरुड़ अपनी चोटी से उड़ान भरता और तलहटी में जाकर मेमने को झपट्टा मारकर सहज ही उठा लेता। फिर बड़े आराम से अपने घोंसले में जाकर उसे आहार बनाता। कौआ रोज यह देखता और रोमांचित होता। रोज देख-देखकर एक दिन कौए को भी जोश आ गया। उसने सोचा कि यदि गरुड़ ऐसा पराक्रम कर सकता है तो मैं क्यों नहीं कर सकता? आज मैं भी ऐसा ही करूंगा। वह तलहटी पर चौकन्ना होकर निगाह रखने लगा। कुछ देर बाद कौए ने एक मेमने को तलहटी में घास खाते हुए देखा। उसने भी गरुड़ की ही तरह हवा में जोरदार उड़ान भरी और आसमान में जितना ऊपर तक
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Veg Jokes पत्नी ने घर आते ही पति से पुछा : " क्या कर रहे थे....?" पति : कुछ नहीं, शांती के साथ बैठा हुआ था... पत्नी : अब ये शांती कौन है....😈😈 पति : वो तुम्हारे घर से बाहर जाने के बाद आती है... 😂😝😷🙄😎🤓🤐🙈👻😳😈 ** फिल्हाल पति घर के बाहर है.. ★★★★★★†★††★★ पहले डर लगता था कि.. दो हजार का नोट बंद होने वाला है...🤔😇 अब डर लगता है कि... नोट से पहले  बैंक बंद ना हो जाये...😝🤗अं ★★★★★★★†★†★†★ डरवर्ल्ड के बाद व्हाट्सएप ऐसी दुनिया है . .* *जिसमें इंसान एक बार कदम रख दे तो . .* *चाहाकर भी कदम पीछे नहीं कर सकता . .😂😂😂😂* ★★★★★★†★†★ पति - शादी के समय सात फेरे लेते वक्त तुमने वचन दिया था और स्वीकार किया था कि,  . . . मेरी इज्जत करोगी, मेरी सब बात मानोगी. 😕  . पत्नी - तो क्या इतने लोगो के सामने तुमसे बहस करती. 😡 💃💃😳😳💃💃 .

औरत के गीले बाल और लोकतंत्र...

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औरत के गीले बाल और लोकतंत्र... 😂 पॉलिटिकल साइंस के सेमिनार में एक विद्यार्थी का बयान था कि मेरा तो यक़ीन लोकतंत्र पर से सन 1996 में ही उठ गया था.. कहने लगा कि ये उन दिनों की बात है जब एक शनिवार को मैं मेरे बाक़ी तीनों बहन भाई, मम्मी पापा के साथ मिलकर रात का खाना खा रहे थे ।  पापा ने पूछा:- कल तुम्हारे चाचा के घर चलें या मामा के घर? हम सब भाइयों बहनों ने मिलकर बहुत शोर मचा कर चाचा के घर जाने को कहा, सिवाय मम्मी के जिनकी राय थी कि मामा के घर जाया जाए। बात बहुमत की मांग की थी और अधिक मत चाचा के खेमे में पड़े थे ...बहुमत की मांग के मुताबिक़ तय हुआ कि चाचा के घर जाना है। मम्मी हार गईं। पापा ने हमारे मत का आदर करते हुए चाचा के घर जाने का फैसला सुना दिया। हम सब भाई बहन चाचा के घर जाने की ख़ुशी में जा कर सो गये। रविवार की सुबह उठे तो मम्मी गीले बालों को तौलिए से झाड़ते हुए बमुश्किल अपनी हंसी दबा रहीं थीं..उन्होंने हमसे कहा के सब लोग जल्दी से कपड़े बदल लो हम लोग मामा के घर जा रहें हैं। मैंने पापा की तरफ देखा जो ख़ामोशी और तवज्जो से अख़बार पढ़ने की एक्टिंग कर रहे थे.. मै

प्रेरक प्रसंग

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प्रेरक प्रसंग चटपटी बाल कहानी : आपसी फूट महंगी पड़ी...प्रेरक प्रसंग प्राचीन समय में एक विचित्र पक्षी रहता था। उसका धड़ एक ही था, परंतु सिर दो थे। नाम था उसका भारुंड। एक शरीर होने के बावजूद उसके सिरों में एकता नहीं थी और न ही था तालमेल। वे एक-दूसरे से बैर रखते थे। हर जीव सोचने-समझने का काम दिमाग से करता है और दिमाग होता है सिर में। दो सिर होने के कारण भारुंड के दिमाग भी दो थे, जिनमें से एक पूरब जाने की सोचता, तो दूसरा पश्चिम। फल यह होता था कि टांगें एक कदम पूरब की ओर चलतीं, तो अगला कदम पश्चिम की ओर। और भारुंड स्वयं को वहीं खड़ा पाता था। भारुंड का जीवन बस दो सिरों के बीच रस्साकसी बनकर रह गया था। एक दिन भारुंड भोजन की तलाश में नदी तट पर घूम रहा था कि एक सिर को नीचे गिरा एक फल नजर आया। उसने चोंच मारकर उसे चखकर देखा तो जीभ चटकाने लगा- 'वाह! ऐसा स्वादिष्ट फल तो मैंने आज तक कभी नहीं खाया। भगवान ने दुनिया में क्या-क्या चीजें बनाई हैं।' 'अच्छा! जरा मैं भी चखकर देखूं।' कहकर दूसरे ने अपनी चोंच उस फल की ओर बढ़ाई ही थी कि पहले सिर ने झटककर दूसरे सिर को दूर