जब उनके शीश समरभूमि में उतरते थे.. वो एसे लोग थे जिनके कबंध लड़ते थे..

जब उनके शीश समरभूमि में उतरते थे.. वो एसे लोग थे जिनके कबंध लड़ते थे.. ये दो पंक्तियाँ लिखी गयी हैं #गोरा_और_बादल 🙏🙏 के लिए कितने पराक्रमी होंगे ये दोनों इसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है... सेनापति गोरा जिनका शीश कट गया फिर भी लड़ते रहे.. 🙏🙏 इनके पराक्रम को बतलाते हुए राज कवि श्री नरेन्द्र मिश्र जी ने लिखा है जब तक गोरा के कंधे पर दुर्जय शीश रहेगा । महाकाल से भी राणा का मस्तक नही कटेगा ।। तुम निशिन्त रहो महलो में देखो समर भवानी । और खिलजी देखेगा केसरिया तलवारो का पानी ।। राणा के सकुशल आने तक गोरा नही मरेगा । एक पहर तक सर कटने पर भी धड़ युद्ध करेगा।। क्या अद्भुत प्रतिज्ञा ली थी कि यदि सर कट भी गया फिर भी धड़ युद्ध करते रहेंगे... अद्भुत प्रतिभा के धनी थे हमारे वीर गोरा और उनका भतीजा बादल... ऐसे महान योद्धा को शत शत नमन 🙏 🙏 #🙏🙏🙏🙏🙏 #JayMahakal 🙏🙏