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Showing posts from February, 2021

जब उनके शीश समरभूमि में उतरते थे.. वो एसे लोग थे जिनके कबंध लड़ते थे..

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जब उनके शीश समरभूमि में उतरते थे..  वो एसे लोग थे जिनके कबंध लड़ते थे..  ये दो पंक्तियाँ लिखी गयी हैं  #गोरा_और_बादल 🙏🙏 के लिए कितने पराक्रमी होंगे ये दोनों इसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है... सेनापति गोरा जिनका शीश कट गया फिर  भी लड़ते रहे.. 🙏🙏 इनके पराक्रम को बतलाते हुए राज कवि श्री नरेन्द्र मिश्र जी ने लिखा है जब तक गोरा के कंधे पर दुर्जय शीश रहेगा । महाकाल से भी राणा का मस्तक नही कटेगा ।। तुम निशिन्त रहो महलो में देखो समर भवानी । और खिलजी देखेगा केसरिया तलवारो का पानी ।। राणा के सकुशल आने तक गोरा नही मरेगा । एक पहर तक सर कटने पर भी धड़ युद्ध करेगा।। क्या अद्भुत प्रतिज्ञा ली थी कि यदि सर कट भी गया फिर भी धड़ युद्ध करते रहेंगे... अद्भुत प्रतिभा के धनी थे हमारे वीर गोरा और उनका भतीजा बादल... ऐसे महान योद्धा को शत शत नमन 🙏 🙏 #🙏🙏🙏🙏🙏 #JayMahakal 🙏🙏

जब राम गंभीर हुए ...

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ये भी तो सच ही है.. शबरी बोली - "यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो राम तुम यहाँ कहाँ से आते ?" राम गंभीर हुए। कहा, "भ्रम में न पड़ो अम्मा।" राम क्या रावण का वध करने आया है ?  नहीं नहीं...अरे रावण का वध तो लक्ष्मण अपने पैरों से बाण चलाकर भी कर सकता है। राम हजारों कोस चल कर इस गहन वन में आया है तो केवल तुमसे मिलने आया है अम्मा, ताकि हजारों वर्षों बाद जब कोई पाखण्डी भारत के अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा करे तो इतिहास चिल्ला कर उत्तर दे कि इस राष्ट्र को क्षत्रिय राम और उसकी भीलनी माँ ने मिल कर गढ़ा था। जब कोई कपटी भारत की परम्पराओं पर उँगली उठाये तो तो काल उसका गला पकड़ कर कहे कि नहीं, यह एकमात्र ऐसी सभ्यता है जहाँ एक राजपुत्र वन में प्रतीक्षा करती एक दरिद्र वनवासिनी से भेंट करने के लिए चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार करता है। राम वन में बस इसलिए आया है ताकि जब युगों का इतिहास लिखा जाय तो उसमें अंकित हो कि सत्ता जब पैदल चल कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे तभी वह रामराज्य है। राम वन में इसलिए आया है ताकि भविष्य स्मरण रखे कि प्रतिक्षाएँ अवश्य पूरी होती हैं। शबरी एकटक राम क...