संस्कृति कैसे समाप्त होती है ???
कोई संस्कृति समाप्त करनी है तो उससे उनके त्यौहार छीन लो। और यदि कोई त्यौहार समाप्त करना है तो उससे बच्चों का रोमांच गायब कर दो। कितना महीन षड्यंत्र है? कितना साफ और दीर्घकालिक जाल बुना जाता है? समझिए दीपावली पर पटाखे बैन के षड्यंत्र की कहानी.. पंच मक्कार(मीडिया, मार्क्सवादी, मिचनरीज, मुलाना, मैकाले) किस तरह से सुनियोजित कार्य करते है आप इस लेख के माध्यम से जान पाएंगे. किस तरह इकोसिस्टम बड़ा लक्ष्य लेकर चलता है वो आप जान पाएंगे. वे किस तरह 10, 20 साल की योजना बनाकर स्टेप बाई स्टेप नरेटिव सेट कर शनैःशनैः वार कर किले को ढहा देते है ये आप जानेंगे. जिसमें वे आपको ही अपनी सेना बनाकर अपना कार्य करते है और आपको पता भी नही चलता. पटाखो पर बैन की कहानी 2001 से शुरू होती है. जब एक याचिका में SC ने सुझाव दिया कि पटाखे केवल शाम 6 से 10 बजे तक मात्र चार घण्टे के लिए फोड़े जाए. साथ ही इसको लेकर जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों में बच्चों को बताया जाए. ये केवल एक सुझाव वाला निर्णय था ना कि पटाखे फोड़ने पर आपराधिक निर्णय. ध्यान रहे सुझाव केवल दीपावली पर ही था क्रिसमस और हैप्पी न्यूएर पर फैसले से