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Showing posts from November, 2022

महिलाओं ! आप मूल्यवान है | Girls or ladies ! you are worth less...

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Dear Girls यह आपके लिए है‼️💯 एक महिला एक दुकान में कपड़े पहनकर पहुंची, जिसमें उसका शरीर भी अच्छा दिख रहा था। दुकान के मालिक ने उसे अच्छी तरह से देखा, उसे बैठने के लिए कहा, सीधे उसकी आँखों में देखा और कुछ ऐसा कहा जिसे वह जीवन में कभी नहीं भूल पाएगी। "लेडी, इस दुनिया में भगवान ने जो कुछ भी मूल्यवान बनाया है, वह ढका हुआ है और देखने और खोजने में मुश्किल है।" उदाहरण के लिए: 1. आपको हीरे कहाँ मिल सकते हैं? • जमीन में, ढका और संरक्षित। 2. मोती कहाँ हैं? • समुद्र में गहरा, एक सुंदर खोल में ढका और संरक्षित। 3. आपको सोना कहां मिल सकता है? • जमीन के नीचे, चट्टान की परतों से ढका हुआ और वहां तक ​​पहुंचने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी और गहरी खुदाई करनी होगी। इतना कहकर, उसने फिर उसकी ओर देखा और कहा, "तुम्हारा शरीर पवित्र और अद्वितीय है।" आप सोने, हीरे और मोतियों से कहीं अधिक कीमती हैं, इसलिए आपको भी ढंकना चाहिए। और उन्होंने आगे कहा: "यदि आप अपने कीमती खनिजों जैसे सोना, हीरे और मोती को गहराई से ढक कर रखते हैं, तो आवश्यक मशीनों के साथ एक "प्रतिष्ठित खनन सं...

वीर दुर्गादास #veerDurgadas

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मध्यकालीन भारत मे  इस्लामीकरण की आंधी को रोकने के लिए  कितना संघर्ष किया राठौड़ कुल के  वीर दुर्गादास राठौड़ जोधपुर ने -  इसका साक्ष्य तत्कालीन कवि द्वारा लिखा ये दोहाः आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले उपर वास। सैल अणि सूं सैकतो बाटी दुर्गादास।  दोहे का भावार्थ  जानने पर रुंह कांप जाती है  कि कितना कठीन संघर्ष किया ओर सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है कि धन्य है मारवाड़ की धरा  जहा ऐसे धर्म रक्षक ने जन्म लिया ।  एक बार एक जाट बंधु  मेहरानगढ दुर्ग देखने गया ओर वहा के ताम झाम देखकर   एक दोहा कहा जो झकझोर देने वाला हैः ढबक ढबक ढौल बाजैं. दे दे ताल नगारा कीः आसा घर दुर्गो नी होवतो , तो सूनन्त होती सारा की।।  कहने का तात्पर्य  आज आप ढौल नगारे बजाकर खुशियां मना रहे है आसकरण पुत्र दुर्गादास नही होता तो  औरंगजेब की इस्लामिकरण की आंधी मे पुरा भारत मे इस्लाम होता उस वीर ने वो आंधी रोककर आपको हिन्दू रखा जो आज आप ढौल बजाकर अपन आप को धन् मान रहे है। औरगंजेब ने एक बार दुर्गादास से पुछा बोल तुझै क्या चाहिए जो चाहिए मांग  मै तुझे ...