तृप्ति देसाई और ईसाई मिशनरी का षड्यंत्त्र

14 घंटे तक कोचिन एयरपोर्ट पर बिताने के बाद #TriptiDesai को वापस पुणे लौटना पड़ रहा है रात 9:30 की फ्लाइट से..

ये कोई साधारण घटना नहीं है ..


1) ये केरल की धर्म परायण जनता की जीत है जिन्होंने पूरे अहिंसक तरीके से इस षडयंत्र को विफल किया।

2) न टैक्सी वाले उसे सबरीमला लेकर जाने को तैयार हुए, न होटल वाले उसे कमरा देने को तैयार हुए..चाहे वो किसी भी धर्म के हों..न एयरपोर्ट अथॉरिटी ..किसी ने इस कुटिल षडयंत्र में उसका साथ नहीं दिया।

3) पूरे एयरपोर्ट को अयप्पा स्वामी की महिला भक्तों ने घेर रखा था सारा दिन..भूखे प्यासे , घर परिवार छोड़कर।

4) इस षडयंत्र में न केवल एक पूरी राज्य सरकार बल्कि वैटिकन संचालित मिशनरी पोषित पूरा कुटिल तंत्र उजागर भी हो चुका है और मुँह की खा चुका है ..ध्यान रहे तृप्ति देसाई 2013 में हिंदू धर्म को त्याग कर ईसाई बन चुकी है और उसका नाम तृप्ति ईसाबेल है।

5) ..और हाँ.. जज साहब ..आस्था आपके ऑर्डर ऑर्डर की न मोहताज है न गुलाम..

नियम बनाने से पहले सोचना चाहिए कि यह देश लोगों की आस्था से चलता है चार काला कोट पहने विद्वान इसकी नियति तय नहीं कर सकते।

..युद्ध अभी जारी है...

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