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Showing posts from July, 2020

माता कैकेयी का स्वप्न - रामायण की कथा

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'अध्यात्म रामायण' कहती है कि एक रात जब माता कैकेयी सोती हैं तो उनके स्वप्न में विप्र, धेनु, सुर, संत सब एक साथ हाथ जोड़ के आते हैं और उनसे कहते हैं कि 'हे माता कैकेयी, हम सब आपकी शरण में हैं। महाराजा दशरथ की बुद्धि जड़ हो गयी है तभी वो राम को राजा का पद दे रहे हैं। अगर प्रभु राजगद्दी पर बैठ गए तब उनके अवतार लेने का मूल कारण ही नष्ट हो जायेगा। माता, सम्पूर्ण पृथ्वी पर सिर्फ आपमें ही ये साहस है की आप राम से जुड़े अपयश का विष पी सकती हैं। कृपया प्रभु को जंगल भेज के सुलभ करिये, युगों-युगों से कई लोग उद्धार होने की प्रतीक्षा में हैं। त्रिलोकस्वामी का उद्देश्य भूलोक का राजा बनना नहीं है। अगर वनवास ना हुआ तो राम इस लोक के 'प्रभु' ना हो पाएंगे माता।' ये कहते-कहते देवता घुटनों पर आ गए।  माता कैकेयी के आँखों से आँसू बहने लगे। माता बोलीं - 'आने वाले युगों में लोग कहेंगे कि मैंने भरत के लिए राम को छोड़ दिया लेकिन असल में मैं राम के लिए आज भरत का त्याग कर रही हूँ। मुझे मालूम है इस निर्णय के बाद भरत मुझे कभी स्वीकार नहीं करेगा।'  रामचरित मानस में भी कई जगहों प

सीता माता के पूर्व जन्म की कथा

बृहस्पति के पुत्र थे ब्रह्मऋषि कुशध्वज और कुशध्वज की पुत्री हुई वेदवती। वेदवती प्रकांड विदुषी और विलक्षण खूबसूरत थीं। अपने पिता एवं माता की ही तरह वह भी भगवान विष्णु की अनन्य भक्त थीं। वेदवती, विष्णु जी से विवाह करना चाहती थीं इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए वेदवती ने कठोर तपस्या करने का निर्णय लिया। एक दिन जब वेदवती एकांत में अपनी तपस्या कर रही थी तभी उस समय का सबसे शक्तिशाली और खतरनाक असुर रावण वहां से गुजरा। रावण ने रुक कर वेदवती को विवाह का प्रस्ताव दिया लेकिन वेदवती से शालीनता से मना करते हुए कहा कि वो विष्णु जी की अर्धांगिनी हैं। विष्णु का नाम सुनते ही रावण क्रोध में आ गया और वो वेदवती के केश पकड़ कर उसे घसीटता हुआ ले जाने लगा। इस बात से क्रोधित होकर वेदवती ने अपने केश काट दिए साथ ही अपनी पवित्रता भंग करने की कोशिश करने पर उन्होंने रावण को श्राप दिया कि, तेरे हाथ में जो मेरे केश है वो रक्त के प्यासे हैं, ये ही तेरी मृत्यु का कारण बनेंगे। ये कह कर वेदवती ने अग्नि जला कर उसमें प्रवेश कर लिया। ब्रह्मवैवर्त पुराण कहता है कि परेशान रावण ने तुरन्त ही प्रख्यात महर्षियों को बुलाया और अप

अयोध्या और राममंदिर विवाद

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#अयोध्या बाबर के सैन्य अधिकारी बाक़ी तश्कबन्दी का जन्म ताशकंद में हुआ था। 1526 में वह भी बाबर के साथ हिंदुस्तान पहुँचा। पानीपत में सैन्य अभियान के बाद उसे वर्तमान मप्र के चन्देरी में और फिर वहाँ से अवध में एक सैन्य अभियान के लिए भेजा गया। बाबर के आदेश पर भारत में तीन मस्जिदों का निर्माण हुआ था। एक संभल में, एक पानीपत में और एक अयोध्या में। अयोध्या वाली मस्जिद 1528 में रामकोट के एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। प्राचीन काल से ही हिन्दुओं की यह धार्मिक आस्था थी कि उसी मन्दिर का राम चबूतरा ही श्रीराम का जन्मस्थान था। इसलिए उस मस्जिद का ही नाम अब 'मस्जिद-ए-जन्मस्थान' पड़ गया। सभी ऐतिहासिक दस्तावेजों में वह मस्जिद इसी नाम से दर्ज है। 1530 में बाबर की मौत हो गई, लेकिन मस्जिद और जन्मस्थान को लेकर हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच संघर्ष चलता रहा। आगे औरंगजेब ने रामकोट के किले को ढहा दिया। अंग्रेज और मुगल दोनो ही इतिहासकारों ने इस विवादित स्थल के बारे में विस्तार में लिखा है। कुछ इतिहासकारों में इस बात पर मतभेद भी रहा कि मस्जिद बाबर ने नहीं, बल्कि औरंगजेब ने बनवाई थी, लेकिन इस बात से

फूलन देवी | फूलन देवी का दोषी कौन | Foolan devi | dukan devi

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आप फूलन देवी पर कुछ फैक्ट जानिए और आप चाहे तो जालौन जिले में फूलन देवी के गांव जाकर इस फैक्ट को पता कर सकते हैं कि फूलन देवी पर जुल्म किसने की है  इसके सगे चाचा ने इसकी जमीन पर कब्जा कर लिया था..10 साल की उम्र में इसने अपनी मां से पूछा की मां हमारे चाचा के पास हमसे ज्यादा जमीन क्यों है तब इसकी मां ने बताया कि उन्होंने हमारी जमीन पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया है क्योंकि उनके लड़के हमसे ताकतवर हैं  तब ये 9 साल की उम्र में अपने चाचा का सर फोड़ दी थी क्योंकि यह एक बच्ची थी इसलिए कोई पुलिस केस नहीं हुआ था  10 साल की उम्र में फूलन देवी के बाप ने इसे एक 45 साल के बूढ़े को ₹3000 में बेच दिया था इसका बूढ़ा पति भी इसी के जाति का था और इसके ऊपर बहुत अत्याचार करता था  एक  दिन फूलन देवी पति के अत्याचार से तंग आकर अपने मायके आ गई.. कुछ दिन के बाद इसके भाइयों ने इसे जबरदस्ती इसके पति के घर भेज दिया वहां जाकर पता चला कि उसके पति ने कोई और महिला से शादी कर ली है फिर इसके पति और इसके पति की दूसरी पत्नी ने इसे घर से भगा दिया फिर यह वापस अपने गांव आ गई  मायके में सगे भाइयों से इसका काफी झगड़ा हुआ त