अवधपुरी में फिर से मंदिर ,जय जय जय श्री राम तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम । भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।। श्रेष्ठ मान मर्यादा अपने ,जीवन से प्रगटाएँगे , भेदभाव सब दूर हटाकर ,स्नेहामृत छलकाएँगे । हर आंगन में ज्ञान का दीपक -2, होंगे पूर्ण काम ।। -----01 तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम । भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।। इस युग में शुभ परिवर्तन की, नूतन धार बहानी है , रामराज्य की अमर कथा को, धरती पर दोहरानी है । सारी जगती में मंगल हो -2,तब तक नहीं विराम ।। ---02 तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम । भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।। सत्य न्याय की पुनः प्रतिष्ठा ,घर घर में आनंद हो , नई नई रचनाएं विकसे ,सक्रिय सज्जन वृंद हो । सुगठित पवन जीवन अपना -2,गरजे गौरव गान ।। ---3 तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम । भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।। धर्म ध्वजा जग में फहरेगी, आतंकों का होगा अंत , देव कृपा से दिव्य धरा ने , पाई अद्भुत शक्ति अनंत । कण-कण में भगव