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Showing posts from January, 2021

आग जलनी चाहिए - दुष्यंत कुमार

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आग जलनी चाहिए हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी, शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए। - दुष्यन्त कुमार (Dushyant Kumar )

मनुष्य तू बड़ा महान है लिरिक्स | मनुष्य तू बड़ा महान है lyrics

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धरती की शान तू है मनु की सन्तान धरती की शान तू है मनु की सन्तान धरती की शान तू  है  मनु  की सन्तान   तेरी मुठ्ठियों में बन्द तूफ़ान है रे मनुष्य तू बडा महान है भूल मत मनुष्य तू बडा महान् है ॥धृ॥ तू जो चाहे पर्वत पहाडों को फोड दे तू जो चाहे नदीयों के मुख को भी मोड दे तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड दे तू जो चाहे धरती को अम्बर से जोड दे अमर तेरे प्राण ---२ मिला तुझको वरदान तेरी आत्मा में स्वयम् भगवान है रे॥१॥ ---मनुष्य तू बडा महान है नयनो से ज्वाल तेरी गती में भूचाल तेरी छाती में छुपा महाकाल है पृथ्वी के लाल तेरा हिमगिरी सा भाल तेरी भृकुटी में तान्डव का ताल है निज को तू जान ---२ जरा शक्ती पहचान तेरी वाणी में युग का आव्हान है रे ॥२॥ ----मनुष्य तू बडा महान् है धरती सा धीर तू है अग्नी सा वीर तू जो चाहे तो काल को भी थाम ले पापोंका प्रलय रुके पशुता का शीश झुके तू जो अगर हिम्मत से काम ले गुरु सा मतिमान् ---२ पवन सा तू गतिमान तेरी नभ से भी उंची उडान है रे ॥३॥ ---मनुष्य तू बडा महान है

अवधपुरी में फिर से राममंदिर लिरिक्स | अवधपुरी में फिर से मंदिर ,जय जय जय श्री राम

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अवधपुरी में फिर से मंदिर ,जय जय जय श्री राम तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम । भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।। श्रेष्ठ मान मर्यादा अपने ,जीवन से प्रगटाएँगे , भेदभाव सब दूर हटाकर ,स्नेहामृत छलकाएँगे । हर आंगन में ज्ञान का दीपक -2, होंगे पूर्ण काम ।। -----01 तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम । भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।। इस युग में शुभ परिवर्तन की, नूतन धार बहानी है , रामराज्य की अमर कथा को, धरती पर दोहरानी है । सारी जगती में मंगल हो -2,तब तक नहीं विराम ।। ---02 तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम । भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।। सत्य न्याय की पुनः प्रतिष्ठा ,घर घर में आनंद हो , नई नई रचनाएं विकसे ,सक्रिय सज्जन वृंद हो । सुगठित पवन जीवन अपना -2,गरजे गौरव गान ।। ---3 तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम । भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।। धर्म ध्वजा जग में फहरेगी, आतंकों का होगा अंत , देव कृपा से दिव्य धरा ने , पाई अद्भुत शक्ति अनंत । कण-कण में भगव

मत कर माया को अहंकार लिरिक्स हिंदी

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मत कर माया को अहंकार मत कर काया को अभिमान काया गार से काची मत कर माया को अहंकार मत कर काया को अभिमान काया गार से काची हो काया गार से काची जैसे ओस रा मोती झोंका पवन का लग जाए झपका पवन का लग जाए काया धूल हो जासी काया तेरी धूल हो जासी ऐसा सख्त था महाराज जिनका मुल्कों में राज जिन घर झूलता हाथी जिन घर झूलता हाथी हो जिन घर झूलता हाथी उन घर दिया ना बाती झोंका पवन का लग जाए झपका पवन का लग जाए काया धूल हो जासी काया तेरी धूल हो जासी खूट गया सिन्दड़ा रो तेल बिखर गया सब निज खेल बुझ गयी दिया की बाती हो बुझ गयी दिया की बाती रे जैसे ओस रा मोती झोंका पवन का लग जाए झपका पवन का लग जाए काया धूल हो जासी काया तेरी धूल हो जासी झूठा माई थारो बाप झूठो सकल परिवार झूठी कूटता छाती झूठी कूटता छाती हो झूठी कूटता छाती जैसे ओस रा मोती बोल्या भवानी हो नाथ गुरुजी ने सर पे धरया हाथ जिनसे मुक्ति मिल जासी जिनसे मुक्ति मिल जासी बोल्या भवानी हो नाथ गुरुजी ने सर पे धरया हाथ जिनसे मुक्ति हो जासी जिनसे मुक्ति हो जासी हो जिनसे मुक्ति मिल जासी जैसे ओस रा मोती झोंका... झोंका... मत कर माया को अहंकार मत कर