अवधपुरी में फिर से राममंदिर लिरिक्स | अवधपुरी में फिर से मंदिर ,जय जय जय श्री राम

अवधपुरी में फिर से मंदिर ,जय जय जय श्री राम

तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम ।
भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।।


श्रेष्ठ मान मर्यादा अपने ,जीवन से प्रगटाएँगे ,
भेदभाव सब दूर हटाकर ,स्नेहामृत छलकाएँगे ।
हर आंगन में ज्ञान का दीपक -2, होंगे पूर्ण काम ।। -----01
तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम ।
भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।।

इस युग में शुभ परिवर्तन की, नूतन धार बहानी है ,
रामराज्य की अमर कथा को, धरती पर दोहरानी है ।
सारी जगती में मंगल हो -2,तब तक नहीं विराम ।। ---02
तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम ।
भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।।

सत्य न्याय की पुनः प्रतिष्ठा ,घर घर में आनंद हो ,
नई नई रचनाएं विकसे ,सक्रिय सज्जन वृंद हो ।
सुगठित पवन जीवन अपना -2,गरजे गौरव गान ।। ---3
तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम ।
भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।।

धर्म ध्वजा जग में फहरेगी, आतंकों का होगा अंत ,
देव कृपा से दिव्य धरा ने , पाई अद्भुत शक्ति अनंत ।
कण-कण में भगवान विराजे -2, रोम रोम में राम ।। ---4
तन मन धन सर्वस्व समर्पित , बने राम का धाम ।
भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।।

अवधपुरी में फिर से मंदिर ,जय जय जय श्री राम ,
तन मन धन सर्वस्व समर्पित ,बने राम का धाम ।
भव्य राम का धाम , जय जय जय श्री राम ,जय जय जय श्री राम ।।

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