कलाई पर बंधा धागा और लड़के
कलाई पर बंधे धागे का रंग उड़ गया है। उसके रेशे अब मेरी घड़ी में फंसकर टूटने लगे हैं। मंदिर वाले जोगी ने बताया था कि रक्षासूत्र या कलाई में बांधे गए धागों को पुराना होने पर तोड़ देना चाहिए, पर मैं अबतक न जाने क्यों रुका हूं।
मुझे धागे को बांध कर रखने के लिए किसी ने नही कहा। उस लड़की ने भी नही जिसने इन सूत के धागों को नम आंखों से मेरी कलाई पर ये कहते हुए बांधा था कि वो वापस आ जाएगी धागों के टूटने से पहले।
मैं अक्सर ही लड़कों को सिगरेट पीते हुए देखता हूँ। उंगलियों में फंसी सिगरेट जबतक मुह को आती है, उनके शर्ट की आस्तीन थोड़ा नीचे खिसक कर उनकी कलाई में बंधे बेरंग धागे और कटने निशान साफ जाहिर कर देती है। मुस्कुराते हुए चेहरे पर मुर्दों जैसी आंखें रखने वाले लड़कों को पता है, समाज उनसे उम्मीदें रखता है, और मां-बाप, प्रेमिका, दोस्त, सब इसी समाज के हिस्से हैं।
लड़कों की उम्मीदें उनकी प्रेयसी तोड़ देती है, और लड़कों के मन को समाज।
टूटे हुए लड़के, खुद को समेट कर किसी एकांत में जा कर जब चैन से सिगरेट जलाते हैं, तब उनकी आस्तीन थोड़ा नीचे खिसक कर, उनकी कलाई पर बंधा हुआ धागा, और कटने के निशान ज़ाहिर कर देती हैं।
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