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सोचने वाली बात - संभोग की आवश्यकता

लड़की की शारीरिक जरूरत संभोग से पूरी होती है , एक सुखद संभोग स्त्रीत्व की पूर्ति करता है, दिमाग में ऐसे केमिकल निकालने में मदद करती हैजिससे स्त्री पूर्ण महसूस करती है और मैने भी इस बात को महसूस किया है और ये सत प्रतिशत सही है जब मैं कॉलेज में थी, तो नई नई फिल्म इंटरनेट पर लेख पढ़ती थी, और ये समझ आया कि स्त्री पुरुष की शारीरिक जरुरते होती हैं स्त्री की जरूरत को पूरा करने के लिए पुरुष की आवश्यकता होती है, और पुरुष को स्त्री की और एक दूसरे की आवश्यकता को पूर्ण करने में कोई गलत बात नहीं है वहीं दूसरी तरफ हमारे ग्रन्थ माता पिता इस बात के खिलाफ थे, उनका कहना था शादी से पहले ये सब गलत है ऐसा क्यों था मुझे समझ नहीं आया और मुझे खुद ये लगता था कि ये सब ने फिजूल की बातें हैं मेरा बॉयफ्रेंड बना, और मैने अपनी सहमति जाहिर की की मैं संभोग का आनंद लेना चाहती हूं वो भी तैयार था, हम दोनो जाते हैं और इसे एक्सपीरियंस करते हैं ये जादुई एहसाह था शरीर में एक लगा तरह की ऊर्जा आने लगी थी अब मुझे लगा कि ये शारीरिक जरूरत जरूर पूरी करनी चाहिए लेकिन कुछ समय बाद मेरा breakup हो गया, और मैं किसी दूसरे लड़के के साथ स...

प्रेरक प्रसंग - TN Sheshan

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मैं IAS बनकर भी कुछ न बन सका - T.N.शेषन श्री टी.एन. शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त थे। अपनी पत्नी के साथ यूपी की यात्रा पर जाते समय उनकी पत्नी ने सड़क किनारे एक पेड़ पर बया (एक प्रकार की चिड़िया)का घोंसला देखा और कहा, ”यह घोंसला मुझे ला दो; मैं घर को सजाकर रखना चाहतीं हूँ।”  श्री टी एन शेषन ने साथ चल रहे सुरक्षा गार्ड से इस घोंसले को नीचे उतारने को कहा। सुरक्षा गार्ड ने पास ही भेड़-बकरियां चरा रहे एक अनपढ़ लड़के से कहा कि अगर तुम यह घोंसला निकाल दोगे तो मैं तुम्हें बदले में दस रुपये दूंगा। लेकिन लड़के ने मना कर दिया। श्री शेषन स्वयं गये और लड़के को पचास रुपये देने की पेशकश की, लेकिन लड़के ने घोंसला लाने से इनकार कर दिया और कहा कि,  "सर,इस घोंसले में चिडिया के बच्चे हैं। शाम को जब उस बच्चे की "माँ" खाना लेकर आएगी तो वह बहुत उदास होगी, इसलिए तुम कितना भी पैसा दे दो, मैं घोंसला नहीं उतारूंगा"  इस घटना के बारे में श्री टी.एन. शेषन लिखते हैं कि...  मुझे जीवन भर इस बात का अफ़सोस रहा कि एक पढ़े-लिखे आईएएस में वो विचार और भावनाएँ क्यों नहीं आईं जो एक अनपढ़ लड़का सोचता ...

पुष्पेषु चंपा नगरिषु लंका श्लोक हिंदी अर्थ सहित

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पूर्ण श्लोक: - पुष्पेषु चंपा नगरिषु लंका, नदीषु गंगा नृपरेषु राम:, नारीषु रम्भा पुरुषेषु विष्णु:, काव्येषु माघ:कवि कालिदास: हिंदी अर्थ " चंपा के समान फूल , लंका के समान नगर , गंगा के समान नदी , राम के समान राजा , रंभा के समान नारी , विष्णु के समान देवता , माघ के समान काव्य, कालिदास के समान कवि दूसरा कोई नही हुआ।

हिंदी कहानी - उसने कोई केस अधूरा नही छोड़ा

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 "तुम कितना चार्ज करते हो?'  'डिपेंड करता है कि मारना किसे है! आपको ईमेल एड्रेस किसने दिया?' 'सर्च करके ढूढ लिया। मुझे अपने पति से छुटकारा चाहिए,मैं किसी और से प्यार करती हूँ। '  'अपने पति की डिटेल्स और फोटो भेजिए। मैं केस की कीमत क्लाइंट्स की औकात से तय करता हूँ। कल बताऊंगा। '  ....   उसने दर्जनों हाईप्रोफ़ाइल हत्याएं की थीं और पहचान छुपाकर बचा रहा। जिन्दगी के लुत्फ में हरगिज कोई कमी न थी। एक खूबसूरत बीवी और प्यारी सी बच्ची। उसने सोचा कि इस बार आखिरी शिकार करेगा और इस गलीज जिन्दगी से तोबा करके सफेदपोश की तरह जियेगा। थोड़ी देर उसने कुर्सी की पुश्त से सर टिकाए रखा, तभी स्क्रीन पर न्यू रिप्लाई का नोटिफिकेशन दिखा।  फोटो खुद उसकी अपनी थी और डिटेल्स में उसकी प्रत्यक्ष सफेदपोश जिन्दगी के बारे में मालूमात दर्ज थी।  अब उसे एक केस बिना फीस के निबटाना था। उसने आंख बन्द करके अपनी ढाई साल की बच्ची का बतौर बिन माँ की बच्ची तसव्वुर किया और उसे रीढ़ में एक सनसनी सी महसूस हुई। उसने रिवाल्वर निकाली, अपना आखिरी पेग खत्म किया और रिवाल्वर कनपटी पर सटाकर घोड़ा खींच दिया। ...

गधे की फिक्र - चुटकुला

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बंद दुकान के बाहर बैठे दो बूढ़े आपस में बातें करते हुए हंस-हंस कर लोट-पोट हो रहे थे कि एक जिज्ञासु राहगीर ने उनसे इतना खुश होने की वजह पूछी...? एक बूढ़े ने बामुश्किल अपनी हंसी पर काबू पाते हुए कहा "हमारे पास इस देश की समस्याओं को हल करने की एक शानदार योजना है, और वह योजना यह है कि सारी प्रजा को जेल में डाल दिया जाए और उन सबके साथ एक गधा भी जेल में डाला जाए।" राहगीर ने हैरत से दोनों को देखा और पूछा "उन सबके साथ एक गधे को क्यों कैद किया जाए...? दोनों बूढ़े और ज़ोर-ज़ोर से हंसे, एक दूसरे को देखा और एक बूढ़े ने दूसरे से कहा "देखा रामु !! आ गया ना यकीन तुझे मेरी बात पर, मैं कहता था ना कि, जनता के बारे में कोई भी नहीं पूछेगा...! सब गधे की ही फ़िक्र करेंगे...!!😄🤣

500 और 50 का नोट - प्रेरक प्रसंग

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होटल पर बैठे एक शख्स ने दूसरे से कहा यह होटल पर काम करने वाला बच्चा इतना बेवकूफ है कि मैं पाँच सौ और पचास का नोट रखूंगा तो यह पचास का ही नोट उठाएगा। और साथ ही बच्चे को आवाज़ दी और दो नोट सामने रखते हुए बोला इन मे से ज़्यादा पैसों वाला नोट उठा लो, बच्चे ने पचास का नोट उठा लिया। दोनों ने क़हक़हे लगाए और बच्चा अपने काम मे लग गया पास बैठे शख्स ने उन दोनों के जाने के बाद बच्चे को बुलाया और पूछा तुम इतने बड़े हो गए तुम को पचास और पाँच सौ के नोट में फर्क नही पता। यह सुनकर बच्चा मुस्कुराया और बोला-- यह आदमी अक्सर किसी न किसी दोस्त को मेरी बेवक़ूफ़ी दिखाकर एन्जॉय करने के लिए यह काम करता है और मैं पचास का नोट उठा लेता हूँ, वह खुश हो जाते है और मुझे पचास रुपये मिल जाते है, जिस दिन मैंने पाँच सौ उठा लिया उस दिन यह खेल भी खत्म हो जाएगा और मेरी आमदनी भी। ज़िन्दगी भी इस खेल की ही तरह है हर जगह समझदार बनने की जरूरत नही होती, "जहां समझदार बनने से अपनी ही खुशियां मुतासिर होती हो वहां बेवक़ूफ़ बन जाना समझदारी है।"

महिलाओं ! आप मूल्यवान है | Girls or ladies ! you are worth less...

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Dear Girls यह आपके लिए है‼️💯 एक महिला एक दुकान में कपड़े पहनकर पहुंची, जिसमें उसका शरीर भी अच्छा दिख रहा था। दुकान के मालिक ने उसे अच्छी तरह से देखा, उसे बैठने के लिए कहा, सीधे उसकी आँखों में देखा और कुछ ऐसा कहा जिसे वह जीवन में कभी नहीं भूल पाएगी। "लेडी, इस दुनिया में भगवान ने जो कुछ भी मूल्यवान बनाया है, वह ढका हुआ है और देखने और खोजने में मुश्किल है।" उदाहरण के लिए: 1. आपको हीरे कहाँ मिल सकते हैं? • जमीन में, ढका और संरक्षित। 2. मोती कहाँ हैं? • समुद्र में गहरा, एक सुंदर खोल में ढका और संरक्षित। 3. आपको सोना कहां मिल सकता है? • जमीन के नीचे, चट्टान की परतों से ढका हुआ और वहां तक ​​पहुंचने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी और गहरी खुदाई करनी होगी। इतना कहकर, उसने फिर उसकी ओर देखा और कहा, "तुम्हारा शरीर पवित्र और अद्वितीय है।" आप सोने, हीरे और मोतियों से कहीं अधिक कीमती हैं, इसलिए आपको भी ढंकना चाहिए। और उन्होंने आगे कहा: "यदि आप अपने कीमती खनिजों जैसे सोना, हीरे और मोती को गहराई से ढक कर रखते हैं, तो आवश्यक मशीनों के साथ एक "प्रतिष्ठित खनन सं...