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Einstein से पहले का अनदेखा अंजाना सच

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एक ऐसी चीज जिससे आप अब तक अनजान थे एक ऐसा सच जिसे ना कभी देखा ना कभी सुना गया...! रात्रि के अंतिम प्रहर में एक बुझी हुई चिता की भस्म पर अघोरी ने जैसे ही आसन लगाया, एक प्रेत ने उसकी गर्दन जकड़ ली और बोला- मैं जीवन भर विज्ञान का छात्र रहा और जीवन के उत्तरार्ध में तुम्हारे पुराणों की विचित्र कथाएं पढ़कर भ्रमित होता रहा। यदि तुम मुझे पौराणिक कथाओं की सार्थकता नहीं समझा सके तो मैं तुम्हे भी इसी भस्म में मिला दूंगा। अघोरी बोला- एक कथा सुनो, रैवतक राजा की पुत्री का नाम रेवती था। वह सामान्य कद के पुरुषों से बहुत लंबी थी, राजा उसके विवाह योग्य वर खोजकर थक गये और चिंतित रहने लगे। थक-हारकर वो योगबल के द्वारा पुत्री को लेकर ब्रह्मलोक गए। राजा जब वहां पहुंचे तब गन्धर्वों का गायन समारोह चल रहा था, राजा ने गायन समाप्त होने की प्रतीक्षा की। गायन समाप्ति के उपरांत ब्रह्मदेव ने राजा को देखा और पूछा- कहो, कैसे आना हुआ? राजा ने कहा- मेरी पुत्री के लिए किसी वर को आपने बनाया अथवा नहीं? ब्रह्मा जोर से हंसे और बोले- जब तुम आये तबतक तो नहीं, पर जिस कालावधि में तुमने यहाँ गन्धर्वगान सुना उतनी ही अवधि में पृथ्वी...

SATA क्या है?

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SATA का फुल फॉर्म होता है सीरियल एडवांसड टेक्नोलॉजी अटैचमेंट जिसके द्वारा सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस यानी हार्ड डिस्क सीडी ड्राइव आदि को कंप्यूटर के मेन बोर्ड से कनेक्शन किया जाता है । इसकी स्पीड काफी ज्यादा होती है और इसमें 40 पीन कनेक्टर का प्रयोग होता है। SATA हार्ड डिस्क ड्राइव में डाटा काफी तेजी से ट्रांसफर होता है जोकि कुछ मॉडल में ढाई सौ MB प्रति सेकंड तक हो सकता है, नीचे स्क्रीनशॉट देते हैं, जो seagate सेगेट की साइट से है। SATA के पहले PATA टेक्नोलॉजी का प्रयोग करता था जिसमें स्पीड काफी कम होती थी साथ ही , यह सामान्यतया एक पीसी में दो डिवाइस तक ही लगाया जा सकता था जबकि मैं चार डिवाइस आमतौर पर आसानी से लगाए जा सकते हैं। PATA का फुल फॉर्म होता है पैरेलल एडवांस टेक्नोलॉजी अटैचमेंट । ** आधुनिकतम तकनीक क्या है डिस्क ड्राइव पुराने जमाने की चीज हो गए । अब नया लैपटॉप आदि में SSD आता है जिसे सॉलिड स्टेट ड्राइव कहते हैं। हालांकि शुरू में SSD को भी SATA तकनीक से ही कंप्यूटर के मेन बोर्ड से जोड़ा जाता था लेकिन SATA के भी स्पीड की एक सीमा है। अतः अब बहुधा...

मृत्यु भोज की आवश्यकता क्यों??

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मृत्युभोज पाप है इसलिए बन्द करो, शादी में खर्च करना पाप है इसलिए कोर्ट मैरिज करो।  लेकिन हनीमून बहुत बड़ा पुण्य है इसको मनाने विदेश जाओ पैसा लुटाओ क्योंकि हनीमून से हजारों गरीबों का पेट भरता है। मतलब परिवार, रिश्तेदार, गाँव-समाज, पड़ोसी गाँव के परिचित व्यक्ति, पिताजी के हितैषी और व्यवहारियों को एकजुट करना, उनसे मिलना तथा पीढ़ियों से चले आ रहे व्यवहार को अगली पीढ़ी में सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए मृत्युभोज या शादी के न्यौते दिए जाते हैं। ताकि हम समझ सकें कि हमारी रिश्तेदारियाँ कँहा कँहा है, हमारे पुरखों के सम्बंध व्यवहार कँहा कँहा और किन किन लोगों से हैं।  इसलिए मिलने वाले लोग कुछ भेंट लेकर जाते हैं और उस भेंट को एक डायरी में लिखा जाता है ताकि याद रहे कि हमारे परिवार के सम्पर्क कँहा कँहा किन किन लोगों से हैं।  वैसे तो लोग अपनी निजी जिंदगी में इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें पता ही नहीं होता है कि उनके अपने कौन कौन है। इसलिए ऐसे ही कुछ कार्यक्रम होते हैं जँहा अपनों से भेंट हो पाती है।  आज इन समाजिक और मानवीय व्यवस्था को तोड़कर मनुष्य को एकांकी बनाने पर जोर दिय...

Cristiano Ronaldo vs Coca cola

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बीते सोमवार को यानी 14/06/2021 को एक जबरदस्त घटना घटी. फुटबॉल के सुपरस्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने यूरो चैम्पियनशिप के एक मैच के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस में अपने सामने रखीं कोकाकोला की दोनों बोतलें एक तरफ हटा दीं. उसके बाद उन्होंने वहीं रखी पानी की बोतल को उठाकर पत्रकारों को दिखाते हुए कहा – “आगुवा!” यानी पानी! दस सेकेंडों में उन्होंने जता दिया कि सॉफ्ट ड्रिंक्स को लेकर उनका क्या नजरिया है. जबकि कोकाकोला यूरो कप का टॉप स्पांसर है रोनाल्डो की इस एक भंगिमा ने यह किया कि कोकाकोला के शेयर गिरना शुरू हो गए. इस घटना का ऐसा जबरदस्त प्रभाव पड़ा कि कुछ ही घंटों के भीतर कम्पनी को चार बिलियन डॉलर यानी करीब 75 अरब(4billion) रुपयों का नुकसान हो गया. यह गिरावट अब भी जारी है.  एक इंटरव्यू में उनसे इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा, “चूंकि मैं खुद सॉफ्ट ड्रिंक नहीं पीता, मैं नहीं चाहूंगा कि कोई दूसरा बच्चा मेरी वजह से ऐसा करे. मैं कोई चिकित्सक नहीं हूं, लेकिन मुझे पता है कि सॉफ्ट ड्रिंक्स स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं और मैंने अपने मैनेजर को इस बारे में साफ-साफ कह रखा है कि मैं किसी ...

जैसलमेर में 1966 के बाद नही हुआ लव जेहाद

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*जैसलमेर में 1966 के बाद सामने नही आया कोई भी लव जेहाद का ममल्स*                         जैसलमेर में एक ब्राह्मण ने ऐसे लव जिहादियों की गर्दन ऐसे उतरवाई की तब से आज तक वहां कोई लव जिहाद का केस नहीं आया   जैसलमेर जिले के मुस्लिम गाँव सनावाडा में 1966 में हुई एक घटना बतला रहा हूँ। *मुस्लिम बाहुल्य गाँव था सनावाड़ा ,जहाँ का सरपंच मुस्लिम था।* सरपंच का *पुत्र जोधपुर में पढाई कर रहा था। गर्मी के अवकाश में लड़का अपने गाँव आया हुआ* था।  *पास के गाँव के एकमात्र श्रीमाली ब्राह्मण परिवार की कन्या सरपंच के पुत्र को भा गई। पहले तो पिता ने पुत्र को समझाया। धर्म और मजहब में अंतर बताया किन्तु जब पुत्र जिद्द पर अड़ गया तो सरपंच 10 मुसलमानों को साथ लेकर ब्राह्मण के घर गया और कन्या का हाथ (बलपूर्वक) अपने पुत्र के लिए माँगा।* ब्राह्मण परिवार पर तो मानो ब्रजपात हो गया हो। किन्तु कुछ सोचकर ब्राह्मणदेव ने दो माह का समय माँगा। *दूसरे दिन हताश ब्राह्मणदेव पास के राजपूत गाँव में वहां के ठाकुर के निवास पर गये , और निव...

कलाई पर बंधा धागा और लड़के

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कलाई पर बंधे धागे का रंग उड़ गया है। उसके रेशे अब मेरी घड़ी में फंसकर टूटने लगे हैं। मंदिर वाले जोगी ने बताया था कि रक्षासूत्र या कलाई में बांधे गए धागों को पुराना होने पर तोड़ देना चाहिए, पर मैं अबतक न जाने क्यों रुका हूं।  मुझे धागे को बांध कर रखने के लिए किसी ने नही कहा। उस लड़की ने भी नही जिसने इन सूत के धागों को नम आंखों से मेरी कलाई पर ये कहते हुए बांधा था कि वो वापस आ जाएगी धागों के टूटने से पहले। मैं अक्सर ही लड़कों को सिगरेट पीते हुए देखता हूँ। उंगलियों में फंसी सिगरेट जबतक मुह को आती है, उनके शर्ट की आस्तीन थोड़ा नीचे खिसक कर उनकी कलाई में बंधे बेरंग धागे और कटने निशान साफ जाहिर कर देती है। मुस्कुराते हुए चेहरे पर मुर्दों जैसी आंखें रखने वाले लड़कों को पता है, समाज उनसे उम्मीदें रखता है, और मां-बाप, प्रेमिका, दोस्त, सब इसी समाज के हिस्से हैं। लड़कों की उम्मीदें उनकी प्रेयसी तोड़ देती है, और लड़कों के मन को समाज। टूटे हुए लड़के, खुद को समेट कर किसी एकांत में जा कर जब चैन से सिगरेट जलाते हैं, तब उनकी आस्तीन थोड़ा नीचे खिसक कर, उनकी कलाई पर बंधा हुआ धागा, और कटने के निशान ज़ा...

मणिकर्णिका घाट - काशी

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मान्यता है कि काशी की मणिकर्णिका घाट पर भगवान शिव ने देवी सती के शव की दाहक्रिया की थी। तबसे वह महाशमशान है, जहाँ चिता की अग्नि कभी नहीं बुझती। एक चिता के बुझने से पूर्व ही दूसरी चिता में आग लगा दी जाती है। वह मृत्यु की लौ है जो कभी नहीं बुझती, जीवन की हर ज्योति अंततः उसी लौ में समाहित हो जाती है। शिव संहार के देवता हैं न, तो इसीलिए मणिकर्णिका की ज्योति शिव की ज्योति जैसी ही है, जिसमें अंततः सभी को समाहित हो ही जाना है। इसी मणिकर्णिका के महाश्मशान में शिव होली खेलते हैं।      शमशान में होली खेलने का अर्थ समझते हैं? मनुष्य सबसे अधिक मृत्यु से भयभीत होता है। उसके हर भय का अंतिम कारण अपनी या अपनों की मृत्यु ही होती है। श्मशान में होली खेलने का अर्थ है उस भय से मुक्ति पा लेना।        शिव किसी शरीर मात्र का नाम नहीं है, शिव वैराग्य की उस चरम अवस्था का नाम है जब व्यक्ति मृत्यु की पीड़ा,भय या अवसाद से मुक्त हो जाता है। शिव होने का अर्थ है वैराग्य की उस ऊँचाई पर पहुँच जाना जब किसी की मृत्यु कष्ट न दे, बल्कि उसे भी जीवन का एक आवश्यक हिस्सा मान कर उसे...